Video Discription |
Sankat Mochan Hanuman Ashtak Lyrics In Hindi, Song Has Sung By Hariharan. While Its Music Is Given By Lalit Sen & Chander. Check Out Song Lyrics And Video.
🎧 Song Credits:
Song Title: Sankat Mochan Hanuman Ashtak
Singer: Hariharan
Lyrics: Traditonal
Music: Lalit Sen, Chander
Music Label: T-Series Bhakti Sagar
SANKAT MOCHAN HANUMAN ASHTAK LYRICS IN HINDI
।। संकटमोचन हनुमानाष्टक ।।
बाल समय रबि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो ॥
देवन आनि करी बिनती तब,
छाँड़ि दियो रबि कष्ट निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥
बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महामुनि साप दियो तब,
चाहिए कौन बिचार बिचारो ॥
कै द्धिज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ २ ॥
अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ॥
हेरी थके तट सिन्धु सबे तब,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ३ ॥
रावन त्रास दई सिय को सब,
राक्षसि सों कही सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
जाए महा रजनीचर मरो ॥
चाहत सीय असोक सों आगि सु,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ४ ॥
बान लाग्यो उर लछिमन के तब,
प्रान तजे सुत रावन मारो ।
लै गृह बैघ सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोन सु बीर उपारो ॥
आनि सजीवन हाथ दई तब,
लछिमन के तुम प्रान उबारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ५ ॥
रावन जुद्ध अजान कियो तब,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो ॥
आनि खगेस तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ६ ॥
बंधु समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि,
देउ सबै मिलि मंत्र विचारो ॥
जाये सहाए भयो तब ही,
अहिरावन सैन्य समेत सँहारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ७ ॥
काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसों नहिं जात है टारो ॥
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होय हमारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ ८ ॥
।। संकटमोचन हनुमानाष्टक दोहा ।।
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर ।
वज्र देह दानव दलन,जय जय जय कपि सूर ॥
।। इति संकटमोचन हनुमानाष्टक सम्पूर्ण ।।
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